मातृभाषा हमारे जीवनको संस्कृति और विरासतके स्वादसे पोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी लिए हम भारतीयों के जीवन में हिंदी को मातृभाषा माना जाता है। ऐसी मातृभाषाको सम्मान देने के लिए 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूपमें मनाया। 1949 से इसे राजभाषा माना जाता है।
हिंदी का महत्व
हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और पहचान का प्रतीक है। यह दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जिसके 500करोड़ से अधिक वक्ता हैं। हिंदी की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत है, जिसमें तुलसीदास, कबीर और प्रेमचंद जैसे प्रसिद्ध कवि और लेखकों ने योगदान दिया है।
भाषा का महत्व
भाषा हमारे विचारों, भावनाओं और पहचान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह संचार, अभिव्यक्ति और संबंध का साधन है। हिंदी भाषा की शक्ति लोगों को क्षेत्रों, संस्कृतियों और समुदायोंके पार जोड़ने की है।
हिंदी दिवस का जश्न
इसी भावना और सम्मान के साथ गजेरा विद्याभवन, कतारगाम में दिनांक –14-09-2024को हिंदी दिवस समारोह अयोजित किया गया I इसी के तहत सर्वप्रथम माँ शारदा के चरणों में प्रार्थना अर्पण करके समारोह का सुभारंभ किया गया I
उसके बाद वाद-विवाद
प्रतियोगिता का आयोजन किया किया गया जिसमे प्रतिभागी विधार्थीओ ने सार्थक तर्कों
के साथ अपने-अपने पक्ष को मजबूती से रखा I समारोह की अगली कड़ी में प्रतिभावान विधार्थीओ ने हिंदी
साहित्य जगत में विश्वप्रसिद्ध नाटक-
मेघदूत का मंचन किया I जिसमें प्रतिभागियों ने बखूबी अपने-अपने पात्र का अभिनय किया Iउपस्थित दर्शकों ने करतल
ध्वनि से प्रतिभागियों का हौसला वर्धन किया I
उसके बाद कक्षा : १०–अ की विधार्थी रुत्वी धामेलियाऔर कक्षा -११ बी वाणिज्य संकाय की छात्रा सिद्धि कंथारियाने कविता पाठ किया I उसके बाद कक्षा -१० अ की विधार्थी –सादिया ताई ने एकांकी अभिनय नाटक प्रस्तुत करके सभी का दिल जीत लिया I
समारोह के अंत में विद्यालय के संस्था-प्रधान डॉ. रितेश अग्रवाल ने धन्यवाद सह सभी से मातृभाषा का दैनिक जीवनमें महतम प्रयोग करने का आव्हान किया और अनुरोध भी की हिंदी दिवस का जश्न मनाने के लिए एक साथ आएं और भाषा की विविधता और समृद्धि को अपनाएं।
साथ ही हिंदी को बढ़ावा देने और इसके निरंतर विकास और विकास का समर्थन करने का संकल्प लें।
जय हिंद!जय हिंदी!